Matric Sanskrit subjective
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Matric Sanskrit subjective : बिहार बोर्ड मैट्रिक संस्कृत महत्पूर्ण सब्जेक्टिव प्रश्न, अध्याय पहला पटलीपुत्रवैभव।।

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बिहार बोर्ड मैट्रिक संस्कृत महत्वपूर्ण सब्जेक्टिव क्वेश्चन इस आर्टिकल में दिया गया है। इस आर्टिकल में जितने भी संस्कृत का महत्वपूर्ण सब्जेक्टिव क्वेश्चन दिया गया है जो बोर्ड एग्जाम के लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण सब्जेक्टिव क्वेश्चन है तो इस आर्टिकल को ध्यानपूर्वक पढ़ें।

*अध्याय पहला पटलीपुत्रवैभव*

Q 1. दामोदर गुप्त ने पटना के संबंध में क्या लिखा है?

उतर- कवि दामोदर गुप्त के अनुसार पाटलिपुत्र पटना महानगर पृथ्वी पर बसे नगरों में श्रेष्ठ है। यहां सरस्वती के वंशज यानी विद्वान लोग बसते हैं। कभी नहीं इस महानगर की तुलना इंद्र की धारी पूरी नगरी से की है। कभी दामोदर गुप्तजी ने पटना के संबंध में और बहुत सारे बात की है।

 

Q 2. भगवान बुद्ध ने पाटलिपुत्र ग्राम के बारे में क्या कहा था?

उतर- भगवान बुद्ध प्राचीन काल में अनेक बार पाटली ग्राम आए थे। यहां आकर इस गांव के महत्व को बढ़ाया था और उसी समय उन्होंने कहा था। यह गांव कालांतर में 1 दिन महानगर होगा, परंतु इस नगर को आग, पानी और युद्ध का सदा बना रहेगा। लेकिन पाटली ग्राम 1 दिन बड़े शहर के रूप में जरूर उभर कर आएगा।

Q 3. पाटलिपुत्र नगर के वैभव का वर्णन करें।  Matric Sanskrit subjective

 

उतर- पाटलिपुत्र प्राचीन काल से ही अपने वैभव परंपरा के लिए विख्यात रहा है। विदेशी यूनानी लोगों ने आकर अपने संस्मरणों में यहां की अनेक उत्कृष्ट संपादकों का वर्णन किया है। मेगास्थनीज ने लिखा है कि चंद्रगुप्त मौर्य कॉल में यहां की शोभा और रक्षा दो व्यवस्था अति उत्कृष्ट थे। अशोक काल में यहां निरंतर समृद्धि रहे। कवि राजशेखर ने अपनी रचना काव्य मीमांसा मैं ऐसे ही बात लिखी है कि यहां बड़े-बड़े कभी व्याकरण भाष्यकार परीक्षित हुए स्टॉप आज पाटलिपुत्र नगर पटना नाम से जाना जाता है जहां संग्रह हाल है गोलघर जैविक उद्यान इतिहास दर्शनीय स्थल है। इस प्रकार पाटलिपुत्र पर चिंतन कॉल से ही आज तक विभिन्न क्षेत्रों में वैभव धारण करता रहा है जिसका संकलित रूप संग्रहालय में देखने योग्य है। अब यहां पटना में कई राज्यों से दर्शनीय स्थल देखने के लिए आते हैं।

Q 4. राजशेखर ने पटना के संबंध में क्या लिखा है?

उतर- राजशेखर ने अपने काव्य मीमांसा में लिखा है कि पाटलिपुत्र शिक्षा का एक प्रसिद्ध केंद्र था। यहां अनेक संस्कृत विद्वान हुए हैं। यहां पाणनी, पिंगल पंतजलि आदि को परीक्षा ली गई थी यही पटना के बारे में राजशेखर लिखे थे ।

Q 5. पाटलिपुत्र वैभव पाठ का पांच वाक्य में परिचय दें। Matric Sanskrit subjectiv

 

उतर- पाटलिपुत्र वैभव पाठ में बिहार की राजधानी पटना के प्राचीन महत्व का निरूपण है। ऐतिहासिक परंपरा से आधुनिक राजधानी के प्रसिद्ध स्थल का निरूपण किया गया है। चन्द्रगुप्त मौर्य के समय यहाँ की शोभा तथा रक्षा व्यवस्था उत्कृष्ट थी। अशोक के समय यहाँ समृद्धि थी। यहाँ बड़े-बड़े कवि, वैयाकरण तथा भाष्यकार परीक्षित हुए और संग्रहालय, गोलघर जैविक उद्यान आदि दर्शनीय स्थल हैं।

Q 5. पाटलिपुत्र शब्द कैसे बना?

उत्तर- पाटलि ग्राम शब्द से पाटलिपुत्र बना। कुछ प्राचीन संस्कृत ग्रंथों एवं पुराणों में पाटलिपुत्र का दूसरा नाम पुष्पपुर, कुसुमपुर प्राप्त होता है। 12 सिख संप्रदाय के लोगों के लिए पटना नगर क्यों महत्त्वपूर्ण है?

अथवा, पटना का गुरुद्वारा किसके लिये और क्यों प्रसिद्ध है ? तीन बायों में उत्तर दें।

उत्तर- सिख संप्रदाय के लोगों के लिए प्राचीन पटना नगर में पूजनीय स्थल अवस्थित है। यहाँ उनके दसवें गुरु गोविंद सिंह का जन्म स्थान है। यह स्थल गुरुद्वारा के नाम से जाना जाता है।

Q 6. चंद्रगुप्त मौर्य तथा अशोक के समय पाटलिपुत्र कैसा नगर था?

उत्तर-  चन्द्रगुप्त मौर्य के समय पाटलिपुत्र की रक्षा व्यवस्था काफी मजबूत थी। यह सुंदर नगर था। अशोक के शासनकाल में इस नगर का वैभव और अधिक समृद्ध हुआ।

 

Q 5.  पाटलिपुत्र के प्राचीन महोत्सव का वर्णन करें ।

उत्तर- पाटलिपुत्र में शरतकाल में कौमुदी महोत्सव बड़ी धूम धाम से मनाया जाता था। सभी नगरवासी आनंदमग्न हो जाते थे। इस समारोह का विशेष प्रचलन गुप्तवंश के शासनकाल में था। आजकल जिस तरह दुर्गापूजा मनाई जाती है, उसी प्रकार प्राचीनकाल में कौमुदी महोत्सव मनाया जाता था ।

Q 6. प्राचीन पाटलिपुत्र में शिक्षा के संबंध में लेखक के क्या विचार हैं

उत्तर  प्रस्तुत पाठ में लेखक ने बताया है कि दामोदर नामक कवि से हमें जानकारी मिलती है कि सरस्वती के वंशज यहाँ रहते थे। राजशेखर कवि के अनुसार पाणिनी, पिंगल, वररुचि आदि महान् विद्वानों की परीक्षा यहाँ ली जाती थी। इससे ज्ञात होता है कि प्राचीन पाटलिपुत्र शिक्षा का एक महान केंद्र था।

Q 7.  लेखक ‘पाटलिपुत्रवभवम् पाठ से हमें क्या संदेश देना चाहते हैं ?

उत्तर- लेखक का कहना है कि प्राचीन काल में पाटलिपुत्र एक महान नगर था, जहाँ शिक्षा, वैभव और समृद्धि थी। मध्यकाल में इसकी स्थिति ठीक नहीं थी। मुगलकाल में इस नगर का पुनः उद्धार हुआ तथा अंग्रेज के शासन काल से लेकर वर्तमान में इस नगर का अत्यधिक विकास हो रहा है।

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