Matric Science vvi Short and long question 2022 exam,bihar board matric science vvi short and long question,tren hindustan.com,bihar board 10th short and long question,10th science vvi subjective question,Matric Science vvi short
बिहार बोर्ड से जितने भी छात्र एवं छात्राएं इस बार मैट्रिक का एग्जाम देंगे उन सभी छात्र-छात्राएं के लिए विज्ञान का लघु एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न इस पोस्ट में दिया गया है। जितना भी इस पोस्ट में लघु एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न दिया गया है वह काफी एग्जाम के परपस से इंपॉर्टेंट है । तो इस पोस्ट को ध्यानपूर्वक पढ़ें। यदि पसंद आए तो अ स्क्रीनशॉट ले और पोस्ट को दूसरे के पास शेयर भी करें।
Q 1. नेत्र की समंजन क्षमता से क्या अभिप्राय है?
उत्तर- जब नेत्र अनंत पर स्थित वस्तु को देखता है तो नेत्र पर गिरने वाले समांतर कितने नेत्र लेंस द्वारा रेटिना पर फोकस हो जाती है तथा नेत्र को वस्तु अस्पष्ट दिखाई देती है। नेत्र लेंस से रेटीना तक की दूरी नेत्र लेंस की फोकस दूरी कहलाती है। उस समय मांसपेशियां ढीली पड़ी रहती है तथा नेत्र लेंस की फोकस दूरी सबसे अधिक होती है। जब नेत्र किसी समिति की वस्तु को देखता है तो मांसपेशियां सिकुड़ कर लेंस के तलवों की वक्रता त्रिज्या को छोटी कर देती है इससे ले नेत्र लेंस की फोकस दूरी कम हो जाती है तथा वस्तु का अस्पष्ट प्रतिबिंब रेटिना पर बन जाता है। नेत्र की इस प्रकार फोकस दूरी को काम करने की क्षमता को समंजन क्षमता कहते हैं।
Q 2 सामान्य नेत्र 25 सेंटीमीटर से निकट रखी वस्तुओं को सुस्पष्ट क्यों नहीं देख पाते? ( Matric Science vvi short )
उत्तर:- किसी वस्तु को आराम से स्पष्ट देखने के लिए इसे अपनी नेत्र से कम से कम दूरी 25 सेंटीमीटर रखना होता है अभिनेत्र लेंस की फोकस दूरी एक निश्चित न्यूनतम सीमा से नीचे तक नहीं घट सकती है। यदि कोई वस्तु नेत्र की अत्याधिक निकट है तो अभिनेत्र लेंस इतना अधिक वक्रता नहीं हो पाता की वस्तु का प्रतिबिंब दृष्टि पटल पर बने जिसके फलस्वरूप परिणामी प्रतिबिंब धुंधला सात दिखाई देता है। किसी भी वस्तु को देखने के लिए मनुष्य का नेत्र कम से कम 25 सेंटीमीटर से अधिक को ही देख पाती है।
Q3 जरा दूरदर्शिता तथा दीर्घ दृष्टि दोष में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:- दोनों स्थितियों में नजदीक की वस्तुओं को ना देख पाना तथा अभिनेत्री की लेंस की अधिक फोकस दूरी से के कारण है, दीर्घ दोष मैं अभिनेत्र लेंस की बीच मैं पतला हो जाता है या नेत्र गोलक छोटा हो जाता है। यदि दोस्त क्षमा भी पेशियों के कमजोर पड़ जाने से तो वह लेंस की फोकस दूरी को कम नहीं कर पाती है इस दोस्त को जरा दूरदर्शिता दोस्त कहते हैं यह सब दोस्त अधिकतर आयु में वृद्धि होने पर हो मनुष्य को दूरदर्शिता दोष हो जाता है।
Q 5 समंजन क्षमता को परिभाषित कीजिए। एक व्यस्क में समान दृष्टि के लिए इस का मान क्या होता है। ( Matric Science vvi short )
उत्तर:- अभिनेत्र लेंस की क्षमता जिसके द्वारा विभिन्न दूरियों पर स्थित वस्तुओं को स्पष्ट रूप से देखने के लिए लेंस की फोकस दूरी को कम अथवा अधिक किया जाता है समंजन क्षमता कहलाती है। समान दृष्टि के लिए युवा वयस्कों में समंजन क्षमता कम से कम 25 सेंटीमीटर तथा अनंत के बीच होता है इसलिए समंजन छमता 4 डाई आफ्टर होती है।
Q 6 क्या कारण है कि सूर्य क्षैतिज के बीच नीच होते हुए भी हम को सूर्यास्त तथा सूर्योदय के समय दिखाई देता है?
उत्तर:- पृथ्वी के ऊपर वायुमंडल में जैसे-जैसे हम ऊपर जाते हैं बायो हल्की होती जाती है अतः अपवर्तनांक के भी कम होता जाता है सूर्यास्त के बाद या सूर्योदय से पहले सूर्य से चलने वाली गिरने पूर्ण आंतरिक परावर्तन होकर हमारी आंख तक पहुंच जाती है। जब हम इन किरणों को सीधा देखते हैं तो हमें सूर्योदय से ऊपर दिखाई देती है इसी कारण सूर्य तीज के नीचे होते हुए भी हमें सूर्योदय और सूर्यास्त के समय दिखाई देती है।
Q 7 दूर दृष्टि दोष वाला व्यक्ति आकाश में देखते समय चश्मा उतार नापसंद करता है क्यों?
उत्तर- मानव जो निकट दृष्टि दोष का नहीं है उसका दूरस्थ बिंदु समानता अनंत पर होता है। सब समांतर किरणों दूर की वस्तु से रिटर्न आ पर बिना चश्मे के फोकस होती है है। यह सब व्यक्ति यदि चश्मे के साथ आकाश में देखेंगे तो उत्तल लेंस से समांतर किरण रेटीना से पहले फोकस हो जाएगी। अभिसरण से या धुंधला प्रतिबिंब बनेगा। इस कारण दूर दृष्टि दोष वाला व्यक्ति आकाश में देखते समय वह अपना चश्मा उतारना काफी ज्यादा पसंद करता है।
Q 8 दृष्टि निर्बंध क्या है? किस प्रकार चलचित्र संभव होता है?
उत्तर :- रेटिना पर बना प्रतिबिंब वस्तु के हटाए जाने के 1 बटा 10 भाग सेकंड तक एक ही रहता है इसे दृष्टि निर्बंध करते हैं। यदि चलचित्र कैमरे द्वारा खींचे गए अचल चित्र में दृश्य के क्रम को किसी पर्दे पर लगभग 24 प्रतिबिंब बनता प्रति सेकंड अथवा इससे अधिक दर पर प्रक्षेपित किया जाए तो प्रतिबिंब के क्रमागत प्रभाव निर्बाध रूप से एक-दूसरे में निश्चित अथवा डिलीट होते हुए प्रतीत होता है। इस सिद्धांत के चलचित्र संभव हो पाता है।
Q 9 व्याख्या कीजिए कि ग्रह क्यों नहीं टिमटिमाते हैं?
उत्तर :- ग्रह तारों की अपेक्षा पृथ्वी के बहुत पास हैं और इसीलिए उन्हें विस्तृत स्रोत की भांति माना जा सकता है प्रस्ताव यदि हम ग्रह को बिंदु साइज के अनेक प्रकार स्त्रोत का संग्रह मान ले तो सभी बिंदुओं साइज के प्रकाश स्रोत से हमारे नेत्र में प्रवेश करने वाले प्रकाश की मात्रा में कुल परिवर्तन का औसत मानसून होगा इसी कारण टीम टीम आने का प्रभाव निश प्रभावित हो जाता है इसीलिए मनुष्य को ग्राह टिमटिमाते हुए नहीं प्रतीत होता है।
Q 10 तारे क्यों टिमटिमाते हैं?
उत्तर:- जब तारे का प्रकाश पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करता है तो उस बढ़ते हुए आवर्तना वाले माध्यम से गुजारना पड़ता है इसके कारण तारे कब प्रकाश लगातार पृथ्वी की त्रिज्या की तरफ मुड़ता जाता है। माध्यम का अपवर्तनांक में अनियमित उतार-चढ़ाव होते रहते हैं जिसके कारण तारे का प्रकाश कभी हमारी आंखों तक पहुंचता है कभी नहीं पहुंचता है इसके कारण हमें तारे टिमटिमाते हुए प्रतीत होता है।
Telegram link | click here |
Official website | |
Solid State PDF download ( click here ) |