Sahara India Refund : सहारा इंडिया में फ़सा पैसा मिलना शुरू, यहा चेक करे आपका पैसा आया या नही
५ Sahara India Investor Refund Status : यदि आपने सहारा इंडिया में अपने निवेश के रूप में पैसा लगाया था, और वह पैसा सालों से अटका हुआ है, तो केंद्र सरकार वापस आ रही है। सहारा में फंसे लोगों के लिए यह खबर सुकून देने वाली होगी। सहारा इंडिया के रिफंड को लेकर केंद्र सरकार हरकत में है. केंद्र सरकार की ओर से कई बड़ी कार्रवाई भी की गई है।
Sahara India Refund : 12 करोड़ का जुर्माना
बाजार नियामक सेबी ने सहारा समूह की दो कंपनियों सुब्रत रॉय और तीन अन्य पर भी 12 करोड़ रुपये का भारी जुर्माना लगाया है। आपको बता दें कि सरकार ने यह जानकारी दी है कि सहारा इंडिया के निवेशकों को पैसा कब वापस मिल सकता है। Sahara India Investor Refund Status
सहारा इंडिया में फ़सा पैसा मिलना शुरू
केंद्र सरकार ने सहारा इंडिया के बारे में बताया कि सेबी अब तक सहारा के निवेशकों को ब्याज समेत सिर्फ 138.07 करोड़ रुपये ही वापस कर पाया है। सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने 232.85 लाख निवेशकों से 19400.87 करोड़ रुपये और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने 75.14 लाख निवेशकों से 6380.50 करोड़ रुपये एकत्र किए। यानी अब भी निवेशकों के करोड़ों रुपये फंस गए हैं.
Sahara India Investor Refund Status
सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त 2012 को आदेश दिया, जिसके बाद सहारा इंडिया ने निवेशकों से जमा 25,781.37 करोड़ रुपये की मूल राशि के खिलाफ 31 दिसंबर, 2021 तक ‘सेबी-सहारा रिफंड’ खाते में 15,503.69 करोड़ रुपये जमा किए हैं। वित्त सूत्रों के अनुसार, सेबी को कुल 81.70 करोड़ रुपये की मूल राशि के लिए 53,642 मूल बांड प्रमाण पत्र / पासबुक से संबंधित 19,644 आवेदन प्राप्त हुए हैं। सेबी ने 17,526 पात्र बांडधारकों को कुल 138.07 करोड़ रुपये के 48,326 मूल बांड प्रमाण पत्र / पासबुक वापस कर दिए हैं।
सहारा इंडिया Refund : बाकी पैसे कब मिलेंगे
वित्त मंत्रालय ने जानकारी दी कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ने सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड नाम की दो विशेष सहारा कंपनियों से संबंधित आदेश जारी किए हैं। सरकार ने कहा कि बाकी आवेदनों या तो SIRECL और SHICL द्वारा दिए गए दस्तावेजों और आंकड़ों में उनके रिकॉर्ड का पता नहीं लगाया जा रहा है। जिसके बाद बांडधारकों की ओर से कोई जवाब नहीं मिलने पर सेबी से पूछे गए सवालों को बंद कर दिया गया।